गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूँ पाय ।
बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोविंद दियो बताय ।।
कबीर जी के इस विचार में गुरु के महत्व की पराकाष्ठा है । शिक्षक दिवस की संध्या पर “अनुराग्यम्” के कला सलाहकार डॉ ध्रुव तिवारी जी गुरु शिष्य परंपरा पर संवाद एवं परिचर्चा लेकर प्रस्तुत हो रहे हैं । आज विद्यार्थियों का अपने गुरुओं के प्रति कैसा व्यवहार है और गुरुओं का अपने शिष्यों के प्रति क्या लगाव है? इसी पर चर्चा करने हम सब प्रस्तुत होंगें “अनुराग्यम्” के यूट्यूब चैनल पर ठीक शाम 7:00 बजे। शामिल होना ना भूलिएगा ।अपने गुरुओं को अपनी आदरांजली प्रस्तुत करने का यह सुनहरी मौका है।